मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

कुछ पुरानी खबरें, नए तडके के साथ ..





खबर :- बिग बास ने कमाल खान को बाहर निकाला ।

नज़र :- गलत किया बिग बास ने, और बिग बास ने ये किया ही क्यों.... काहे से कि जब बिग बास कुछ करबे नहीं करते हैं, अरे जौन कर रहे हैं या तो वहां घुसे हुए मेहमान खुद कर रहे हैं ....नहीं तो हमको छोड कर कुछ लोग जो एसएमएस करते हैं ..ऊ लोग कर रहे हैं.....वैसे हमको शक है कि कौनो एसएमएस करता भी है ...खैर छोडिये ई बात को..बात तो असली ई है कि बिग बास गलत किये कमाल खाल को बाहर निकाल के। देखिये जी ई माना कि ऊ देश द्रोही रहे हैं ....तो का हुआ ..अरे असली में थोडे हैं जी ....फ़िर सबसे जरूरी बात तो ये थी कि इस बात कि पक्की खबर थी कि अबकी जो कमाल खान थोडे दिन और बिग बास के घर में रह जाते .....तो अगला नोबेल उनको ही मिलना था पकिया था जी .....ई रोहितवा और राजू भाई गडबडा दिये सब ..एक ठो और नोबेल छूट गया ..चलिये का किजीयेगा सब्र किजीये।

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खबर :- ड्राईवर के झपकी लेने के कारण हो गयी रेल दुर्घटना ...

नज़र :- अरे सिर्फ़ झपकी ली थी.....काहे महाराज ...भारत में तो नौकरी ..ऊ भी सरकारी के दौरान....मात्र झपकी नहीं ..बल्कि पूरा कुंभकरणी नींद पूरा करने का परंपरा है जी ...ऊ भी जाने कबे से...कोई कह रहा था कि ई तो त्रेता आ द्वापर से ही चला आ रहा है। फ़िर एतना टेंशन काहे लिये.....पूरा नींद खेंच मारते । का पब्लिक मर जाती और जादे .....लो कल्लो बात तो ई से का होता...अरे भैया पब्लिक तो हईये है..मरने के लिये ..तो कौनो न कौनो उपाय से मरबे करेगी। फ़िर ई काहे नहीं सोचते हो कि रेल बजट में सुरक्षा उपाय के लिये चाहे दू पैसा खर्च करने का प्रावधान हो या न हो...मुदा दुर्घटना में मरे वाला सब के लिये घोषणा करने के लिये बहुते पैसा होता है जी.......फ़िर घोषणा करने के लिये कौन ...सच्ची मुची का पैसा का जरूरत है ......ऊ तो देने के लिये पडता है ....और देना किसको है। ...यार ई रेल दुर्घटना सब में कभी कौनो ...बडका आदमी को पैसा मिलते नहीं देखे.....अब ई कैसे कहें कि मरते नहीं देखे.....बकिया आप हुसियार हैं, समझ जाईये न।

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खबर :-पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों तक पहुंचे आत्मघाती हमलावर ..

नज़र :- अमा कह तो ऐसे रहे हो जैसे वो परमाणु ठिकाने ...पाकिस्तान में नहीं ..पाताल में थे....ई कौन मुश्किल काम था ...अरे उनके ऊ थे न परमाणु वैज्ञानिक ...ऊ तो एतना बढिया इंतजाम किये हैं....कि थोडे दिन के बाद पाकिस्तान में....लोग रेहडी, खोमचा में छोटा, मोटा, दुबला, पतला, आडा टेढा परमाणु बम लेकर बेच रहा होगा। और हमको तो पूरा यकीन है कि जिस तरह से चीन का नकली पटाखा सब इहां फ़ुस्फ़ुसा कर रह गया आउर सबका दीवाली एकदमे बंडल कर दिहिस ...आप देखियेगा...एक न एक दिन पाकिस्तान का इहे परमाणु बम मार्केट पकड लेगा भारत में। फ़िर काहे नहीं हो..यदि अपना पडोसी को ..बेचारा को ई से दू पैसा का फ़ायदा हो रह है तो ई मे हर्ज का है भाई ..

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खबर :- केरल के एक आईपीएस का लैपटौप कार्यक्रम के दौरान उडाया...

नज़र :- हम नहीं कह रहे थे कि साजिश बहुते बडी है जी...अभी थोडबे दिन पहिले न..अपने विनीत बाबू,,अरे गाहे बेगाहे वाले जी...उनका एकठो यंत्र लोग मार लिया था जी अईसने सम्मेलन में....अब देखिये एक ठो आईपीएस का भी । माने कि हम लोग कम नहीं हैं जी कम से कम चोर के नजर में, देखिये न ..आईपीएस के साथ हम बिलागर लोग के माल पर भी हाथ साफ़ कर रहा है लोग। मुदा सुनिये तो...ई का मतलब ....अरे राम राम ...कईसन कईसन लोग पहुंचा था जी ...बताईये तो गैंग वाला सब था । ऊहां से विनीत भाई का ऊ यंत्र मार के इहां दिल्ली में ...फ़िक्की औडिटोरियम तक पहुंच गया .....बताईये भला ...

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खबर :- ब्रिटेन में भी भारतीय छात्रों के साथ भेदभाव......

नज़र :- ए जी जो भी कहिये...ई कौनो बात नहीं हुआ आप लोग खाली ओईसे ही हल्ला मचाते हैं...कैसे माने जी ...देखिये आस्ट्रेलिया, जर्मनी , फ़्रांस के बाद अब ब्रिटेन में भी हम लोगन के बचवा सब के साथ..वही लत्तम जुत्तम..देख कर हमको तो एकदमे नहीं लगता कि कौनो भेदभाव हो रहा है...। सब जगह तो भारतीय लोग पिटिये रहा है जी ...एक दम एके टाईप में...फ़िर कैसे हुआ भेदभाव जी । सब झूठ है जी एकदम। हम तो कहते हैं ई से सिद्ध हो जाता है कि हम लोग किसी भी दूसरे देश में जाएं..कहीं भी केतनो काम कर लें...सबका आंख में खटकिये जाते हैं.....


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आज ई छोटका बुलेटिन से काम चलाईये....बकिया ताजा ताजा लेकर फ़िर मिलते हैं..

गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

दिल्ली पुलिस एस एच ओ के पास बीस करोड मिले: छी...शर्म आनी चाहिये....बस इतने ही ..


खबर :- दिल्ली पुलिस एस एच ओ के पास बीस करोड मिले...

नज़र : छी छी छी....कितने शर्म की बात है..बताईये तो भला ..दिल्ली पुलिस का होने के बावजूद ..वो भी सिपाही नहीं जी पूरा एस एच ओ...मिले भी तो कितने ....सिर्फ़ बीस करोड.....। लानत है जी ...तभी तो आरोप लगते हैं पुलिस पर कि बिना काबिलियत देखे परखे इत्ता बडा ओहदा दे देते हैं...अजी इत्ता तो एक सिपाही भी कमा लेगा ...अब जबकि कोर्ट भी बराबर नये नये कानून बना कर ...नित नये नये चालान काटने का मौका दे रही है तो भी इतने ही ....शर्म की बात है....बताईये तो .अगले साल इतनी बडी स्पर्धा होने वाली है दिल्ली में। वैसे इस हिसाब से कमिश्नर साहब के कितने बन गये बताईये....अरे कुछ नहीं जी आखिर दिल्ली सरकार को भी तो कभी लोन की जरूरत पड ही सकते है न

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खबर :- रजनीश हत्याकांड की जांच क्राईम ब्रांच करेगी...

नज़र :- क्राईम ब्रांच तो आप ऐसे कह रहे हैं जैसे एफ़ बी आई है....अजी क्या कर लेगी जांच कर के...जांच करवानी है तो एक मात्र ...भरोसे मंद...सस्ती और टिकाउ संस्था है सीबीआई......सबसे बडी खूबी तो ये है कि थकती नहीं है ..अब देखिए न आरुषि मर्डर केस में अब तक कित्ती तफ़्तीश चल रही है...न जाने कितने लोगों को पकड छोड चुकी है ...उसके पिताजी ..उसके नौकर..उसके ..पता नहीं कौन कौन..मैं तो कह रहा था कि थोडे दिन और रुक जाते ..शायद आरुषि की आत्मा का पुनर्जन्म हो जाये तो ..वो खुद ही सीबीआई की हेल्प कर देती....
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खबर :- दिल्ली में भी है कोडा की संपत्ति ...

नज़र :- अरे ...बताईये हम दिल्ली में रहते हैं.....और संपत्ति के नाम पर एक फ़टा हुआ स्कूटर ही है अपने पास ..और कोडा जी जो बेचारे पता नहीं कहां हैं....संपत्ति यहां पर.....कोडा जी यदि रेंट पर देना हो तो बताईये न..हम तो तैयार बैठे हैं....देखिए इससे डबल फ़ायदा हो जायेगा..हम जो हैं न कोर्ट में हैं तो आप तो अब अईबे किजीयेगा ....तभी किराया भी पकडा देंगे ..देखिये कोडा तो नहीं ...मुदा थोडा थोडा जरूरे पकडा देंगे..फ़ाईनल करें का...


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खबर:-चीन को चौतरफ़ा घेरा..

नज़र :- बिल्कुल ठीक किया जी...अजबे धांधली है..पहिले चाईनीज़ फ़ोन लिये तो उ खराब हो गया..ठीक कराने गये तो कहने लगा लोग,....कि भैया..ई तो अक्षय कुमार ही ठीक करवा पाएंगे..काहे से कि उ चांदनी चौक टू चाईना जा रहे हैं ..उनका ही दे दो...कहिये तो उ लेके जाते हमारा इतना मंहगा फ़ोन ..मना कर दिये। इसके बाद अब दिवाली पर जतना चाईनीज़ लाईट लाये थे ..कम्बख्त सब दिन में जलता है ..और शाम होते ही बंद हो जाता है ..बताईये ..पटाखा का रिस्क हम अभी लेबे नहीं किये हैं। एक दम ठीक किया है सरकार...आखिर कब तक अपने एक ब्लोग्गर को इस तरह से परेशान देखती। घेर लिया न।..क्या कहा ..सरकार दूसरे कारण से घेरी है ..कुछ सामरिक कारण है ..अजी खाक घेरेगी ..पाकिस्तान को तो घेर के तो ..खो खो खेल रही है एतना दिन से ..अब चीन से ...ओह ..चाउमीन खाने के लिये..
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खबर:- पीडितों को मिले पांच की जगह पचास हजार के चेक ...

नज़र:- अरे मिल गया ..कमाल है...इस बात के लिये तो उन्हें , जिन्होंने ये चेक बांटे हैं.., अगले साल के लिये नोबेल पुरस्कार दिया ही जाना चाहिये ..और कम ज्यादा की बात ही नहीं होनी चाहिये...सरकार का प्रसाद समझ के ग्रहण कर लिजीये...और फ़िर ये भी तो सोचिये कि ..घायल ही हैं ..यानि जीवित हैं तो मिल भी रहे हैं..वरना जो बेचारे इस घटना में चले गये..उनके हिस्से के चेक तो ....सरकार ने अपने पास रख लिये हैं..देश के विकास के लिये जी और किस लिये...
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खबर:- इक्कीस करोड से सुधरेंगे एनएच ...

नज़र :- अरे वो दिल्ली वाले एसएचओ से पैसे भी निकलवा लिया क्या ...इत्ती फ़ास्ट ..चलिये ई तो पुण्य का काम में लग रहा है जी..बस एतना ध्यान रखियेगा कि एन एच को सुधारने वाले ठेकेदार भाई लोग भी कहीं इन्हीं दरोगा जी के रिश्तेदार न हों...और हां ..उ जो एक करोड बच गया है उसके बारे में कुछ सोचिये न...देखिये हम तो कहते हैं कि एक ठो पहेली प्रतियोगिता रखवा लिजीये ब्लोग जगत में...और ईनाम में दिजीयेगा..एक करोड रुपया...पहेली कौन सी पूछेंगे ई बाद में तय करते हैं न...
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आज धनतेरस है न ..तो एतने खबर ..

सोमवार, 12 अक्तूबर 2009

आतंकी पाक सेना के मुख्यालय में घुसे...कुछ नहीं जी अपनी तन्ख्वाह लेने गये होंगे

खबर:- आतंकी पाक सेना के मुख्यालय में घुसे...

नज़र :- लो तो भैया अब आदमी अपनी तन्ख्वाह के लिये अपने औफ़िस में नहीं घुसेगा तो कहां जायेगा....और फ़िर सामने दिवाली है तो जाहिर है कि बोनसवा वैगेरह भी होगा...सुने तो हैं कि ई जौन अमरीका से सारा डोनेशन मिला था ई बार ..ऊ सब का सब कसाब के ओकील साहब को फ़ीस देने में खतम हो गया जी..काहे से सुने हैं कि भारत सरकार नहीं न दे रही है उनको कौनो फ़ीस ईहे बात से अधीर होकर बकिया लोग बोला कि भैया अपना अपना तन्खवाह तो लईये लो..
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खबर :- देश में है पर्याप्त खाद्य भंडार : प्रणब मुखर्जी ..

नज़र :- ओह शुक्र है ..चलिये इसका मतलब ये है कि अब कम से कम इतना तो तय है कि इस दिवाली पर आप लोग सबको दाल चावल का पैकेट ..उपहार में दे सकते हैं...क्या क्या कहा..प्रणव खाने की बात कर रहे हैं..अरे पगला गये हैं का...अब खाने में दाल चावल जैसे खाद्य पदार्थों का उपयोग कौन कर रहा है ..खाने के लिये बर्गर, चाऊमीन, पिज्जा, वैगेरह है न..क्या कह रहे हैं ...किसानों को क्या पता इन सबके के बारे में ..अरे तो उनको कौन पता है अब दाल चावल के बारे में..वैसे भी इस जय हो सरकार में किसान ..खाने पीने की चिंता से मुक्त हो चुके हैं..इसीलिये आत्महत्या कर रहे हैं..उनके लिये क्या खाना और पीना..
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खबर :-१०३ करोड के विमान में उडेंगे गुलाबचंद

नज़र:- लो अब ये भी खबर हो गयी क्या..अबे जब इत्ते का विमान होगा तो जाहिर सी बात है कि उडेंगे ही..तैरेंगे थोडी...अमां खबर तो तब होती ....यदि गुलाब चंद ..बच्चों द्वारा बनाये गये कागज के हवाई जहाज में उड के दिखाते । तब हम मानते कि गुलाब चंद वाकई कुछ हैं।

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खबर:-महिला शिक्षकों को मिलेगी मनचाही जगह पर तैनाती

नज़र :- मनचाही मतलब....कह तो ऐसे रहे हो जैसे ..ऊ अमरीका कहेंगी तो अमरीका में तैनात कर दोगे का...अरे नहीं भाई ई पूछने का कौनो खास मकसद नहीं था ..ऐक्चुअली सुने हैं ..वहां रहने पर आपको नोबेल पुरस्कार मिलने का चांस ..समझिये कि निन्यावे प्रतिशत तो बढ ही जाता है..सुन रही हैं न मास्टरनी जी..अरे वही मास्टरनी नामा वाली..तो मान के चले न ..कि अगला नोबेल आपही को मिलने वाला है .....मुबारक हो जी..

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खबर :- तिहाड में पंद्रह वर्षों में ३२६ कैदी मरे ..

नज़र :- वाह जी दिल्ली पुलिस सदैव आपके लिये आपके साथ..तिहाड जेल में भी...अपना काम बखूबी करती है...फ़िर भी जाने लोगो को क्या हो जाता है जब देखो आरोप लगाती रहती है पुलिस पर...ठीक है कि उनकी स्पीड थोडी कम है जेल में...मगर इससे उनकी कार्यप्रणाली पर अविश्वास का कोई कारण नहीं बनता जी...ये तो वैसे ही है जी जैसे आपका लैपटौप पर और पी सी पर स्पीड में थोडा बहुत फ़र्क तो पड ही जाता है। वैसे हमें उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस जल्दी ही अपनी इस खराब आंकडे को दुरुस्त करके कोई न कोई नया रिकार्ड बनाएगी..

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खबर :- तीस फ़ीट की दूरी से भी कंप्यूटर को इशारों पर नचाएगा माउस

नजर:- अमा ये माउस न हुआ गोया ..श्रीमती जी हो गया.कंप्यूटर का..जो इतनी दूर से नचा देगा.....चलिये अच्छा है कंप्यूटर नाचेगा तो हमारी पोस्ट भी नाचेगी...मगर एक दिक्कत है जी...ये तीस फ़ीट से नचाने के लिये तो हमें पता नहीं कित्ते पडोस में जाकर कंप्यूटर चलाना होगा जी...ओह ये अविष्कार ..विदेशी लोगों को ध्यान में रख कर किया गया है ..ऊ लोगन तो लगभग सब कामे पडोसी के घर से कर लेता है न...बताईये भला ई में हम लोग के लिये का खबर था
_______________________________________________________________________खबर:- अब मैं आराम करना चाहती हूं, : लारा दत्ता

नज़र :- बताईये भला लोगों को काम काज के बिना भी आराम करने का कितन मन करता है ...अरे दत्ता जी ..पहले तनिक काम तो कर ही लेते....फ़िर तो आरामे आराम है न जी...ओईसे भी आप लोगन को ...कामे कितना मिलता है जी...जादे तो आरामे है न...तो काहे के लिये इतना स्पेशल रूप में बोले हैं जी ..कौनो स्पेशल टाईप का आराम का बात है का..तब तो करबे किजीये जी ..

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शनिवार, 10 अक्तूबर 2009

गले से नहीं उतर रहा ,ओबामा को नोबेल,...अजी गला खराब है आपका, विक्स की गोली लो और खिचखिच ....


खबर :- गले से नहीं उतर रहा, ओबामा को नोबेल......

नज़र : मतलब साफ़ है....आपका गला खराब हो गया है॥हो सकता है उसमें...मुर्गी या शूकर फ़्लू का प्रकोप हो गया हो....आपके लिये वही दैवीय बूटी ही काम सकती है॥विक्स की गोली लो...खिचखिच दूर करो.........और नहीं हो रही तो भी खिटपिट मत करो यार...बताओ किसके गले नहीं उतर रही॥

॥अरे हमरे गले नहीं उतर रही है॥बोलो का करोगे , बताओ भला ....हम तो सोच रहा हूं कि ई नोबेल के नाती पोता पर केस कर दूं...अरे आज के डेट में इस पुरस्कार के लिये हमसे बेहतर दूसरा कौनो हो सकता है दूसरा...देखो हम इलेक्शन हार गये ...मंत्री बनने से भी रह गये...हमरा सबसे फ़ेवरेट मंत्रालय भी जानबूझ कर ..उनको दे दिया लोग.....आऊर तो आऊर ..हमको सब लात मार के निकाल दिया..फ़िर भी देखिये कितना शांत बैठे हैं...अब तो नितिश जी को भी नहीं गलियाते हैं..तो शांति का नोबेल -ग्लोबेल जो भी था ..हमरे नाम ही होना चाहिये था जी...


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खबर :-कोडा खा गये चार हज़ार करोड...

नज़र :- जे बात ...अब लगा न कि ई राज्य बिहार से निकला था...जब से झारखंड बना था ...एक दम नीरस और बकवास बन के रह गया था....बस कुछ नहीं तो..मुख्यमंत्री-मुख्यमंत्री खेल रहा था...कौनो एडवेंचर था ही नहीं...अब जब पता चला है कि ..मुख्यमंत्री कोडा....अरे पता किजीये तो..इनका नाम कहीं ..करोडा तो नहीं था....पूरे चार हज़ार करोड खा कर हज़म कर गये..मन बाग बाग हो गया...देखिये जी अब ई नहीं कहियेगा कि काहे..यदि मन बाग बाग हो रहा है तो अच्छे है न..ग्लोबल वार्मिंग कम होगा...और ईतना तो बढिया है न कि मान लिजीये कल को देश में मंदी जादे हो जाता है...तो लालू जी. कोडा जी, सत्यम जी ..और बस कुछ छोटा मोटा लोग को काट कर इनके पेट से इतना पैसा निकाला जा सकता है कि अपना तो अपना ..अमरीका का मंदी भी भाग जायेगा..

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खबर:-राष्ट्रमंडल के खेल प्रतिनिधियों की खूब हो रही है खातिरदारी....

नज़र :-..देखा हमारी खेल नीति कितनी स्पष्ट और पारदर्शी है..अपनी खेल परियों..खेल देवताओं, खिलाडियों...और खेल से जुडे तमाम लोगों का चाहे अपमान हो जाये..चाहे उन्हें खून के आंसू रोना पडे....चाहे खेल के कारण उनका पूरा भविष्य चौपट हो जाये...मगर इसका ये मतलब नहींम कि अधिकारियों को हम किसी तरह का कष्ट होने दें...खास कर जब वे विदेशी हों....ऊपर से इंस्पेक्शन पर आये हों..अजी उषा का क्या है....और फ़िर ये रोना धोना तो चलता ही रहता है...वैसे भी ये हमारी राष्ट्रीय खेल नीति का अहम हिस्सा है....देखिये आप लोगों कि दुआ से इस बार कितने पदक मिलते हैं....वैसे तैयारी तो पूरी की है हमने..अजी खेलने की नहीं....कमाने की...
हालांकि प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे संतुष्ट नहीं हुए हैं...यदि उन्हें भी एक वकील मुहैया करा देती सरकार तो वे भी खुद को ..कसाब की तरह ..खास मेहमान बनने की अनुभूति पाते...बेचारे उन्हें कहां नसीब हो सकता है ..वो सुख...
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खबर :-दिवाली पर तोहफ़ा सस्ते होम लोन का ..

नज़र :- मैं तो तभी समझ गया था कि जो सरकार अभी तक .....टैण टैणेण की जगह ..सिर्फ़ जय हो जय हो ही गा रही है....यानि साफ़ है कि अपडेटेड नहीं है.....वो सरकार ऐसे ही ओल्ड फ़ैशन्ड निर्णय ही तो लेगी न......आप ही बताईये आज एक..... कैटल क्लास ...(कमाल का नया शब्द और पहचान दिलाई है थरूर साहब ने...मैं तो कहता हूं सिर्फ़ इन दो शब्दों के कमाल के उपयोग के लिये ही उन्हें साहित्य का नोबेल मिल जाना चाहिये था..मगर नोबेल वालों ने शांति का नोबेल भी पता नहीं कैसे तो.....खैर छोडिये इसे....) का सबसे बडा सपना क्या है...सिर्फ़ यही कि ..चाहे वो झुग्गी में रहता हो ..या फ़ुटपाथ पर सोता हो..चाहे वो ताज में खाये या ओबेराय में...काश कि दाल मिल जाये....और अब तो प्याज भी सेलिब्रिटी सी हो रही है....मुई चढती ही जा रही है....ऐसे में यदि लोगों को किसी चीज के लोन दिया जाना चाहिये तो वो है दाल...सिर्फ़ और सिर्फ़ दाल..आप खुद ही देखिये न कौन सी बिल्डिंग इन दालों की फ़ोटू के समान सुंदर होगी.......

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खबर :-पेशावर में बम धमाका ..

नज़र :- लो जिसका डर था वही हुआ...मैं न कहता था कि इन ससुरों को जादे पैसे मती दो सैम अंकल...क्योंकि ये तो खाली बम ही बनाते हैं पैसों से ..और कुछ तो करते नहीं...बना लिये होंगे क्विंटल के भाव से...अब इस बार दिवाली में ..हमारे यहां तो चीनी भाई अपनी फ़ैक्ट्री के बम पटाखे बेच रहे हैं..बेचारे किसी तरह अपने चाउमीन का जुगाड कर रहे हैं...सो पाकिस्तान वाले बमों की खपत तो यहां इस बार हो नहीं पायेगी .....इस बार उनका एक डेडिकेटेड बच्चा ..कसाब..अपने यहां मेहमान है न...तो ये तो होना ही था..बम हैं तो फ़ूटेंगे ही....काश कि ये कोई समझ पाता कि....बम ..देश, मजहब, जाति..नहीं पूछते ...फ़टने से पहले....न ही मौत पूछती है....

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आज के लिये इतना ही ..बकिया समाचार आप टीवी में भी तो देखिये न...

गुरुवार, 8 अक्तूबर 2009

बाढ राहत के लिये पैसों की कमी नहीं....बस घोटालेबाज नहीं मिल रहे...

खबर :-अपमान से व्यथित हो रो पडी उडन परी..

नज़र :- गलत हुआ जी बिल्कुल गलत ....अरे अपमान नहीं जी...वो तो देर सवेर होना ही था...जितनी जल्दी हो गया उतना अच्छा......आगे के लिये टेंशन खत्म ....और फ़िर ये तो और भी अच्छा हुआ कि उनके जीते जी उनको ये सम्मान हासिल हो गया..अन्यथा ध्यानचंद जी जिनके जन्मदिवस पर सरकार खेल दिवस तक मनाती है ..उन्हें तो मरने के बाद ही ये हासिल हो पाया.....और अब प्रति वर्ष सिर्फ़ एक दिन उनके साथ ऐसा किया जाता है...गलत तो ये हुआ कि ..उडन परी रो पडी...बताईये भला इसमें रोने की क्या बात थी.....अब अगले साल हो रहा है राष्ट्र मंडल खेल हो रहे हैं न.....तब तक कुछ और उडन परियां, कुछ और खेल योद्धा तैयार करती जो देश के लिये पदक वदक जीतते ...और फ़िर थोडे सालों बाद ऐसे ही किसी जगह ....सम्मान करा रहे होते......वैसे सुना है कि इससे देश के खिलाडियों को बहुत प्रेरणा मिली है......।


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खबर :-बाढ राहत के लिये पैसों की कमी नहीं..

नज़र : - लो तो हमने कब कहा कि हमारे यहां पैसों की कोई कमी है .....अब तो ये जग जाहिर हो गया है जी...जो देश सौ रुपये किलो दाल खरीद कर खा सकता है....चालीस रुपये किलो दाल..अजी छोडिये सारा राशन का नाम लें का...मतलब ये कि जो इतना साहस कर सकता है...ऊ भी इतना मंदी के दौर में...ऊ देश में पैसे की का कमी रहेगी का......सरकार के कहने का मतलब है कि पैसे तो खूब हैं जी राहत के लिये बांटने को...मुदा ई बाढ ही टाईम पर धडाधड नहीं आती है न...सारा पैसा वेस्ट होता रहता है....का कह रहे हैं ई मतलब नहीं था.....ओह तो ई बात है...दरअसल पैसा तो भरपूर है .मगर घोटालेबाज मंत्री अधिकारी लोग ..मतलब टैलेंटेड लोग मिल नहीं रहे हैं...अरे नहीं जो हैं न उनका सबका रिकार्ड तो पहले से ही मौजूद है...अब तो नये फ़ेस की तलाश

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खबर :- राजधानी में महिलायें असुरक्षित...

नज़र :- अबे इसमें खबर कौन सी है बे.....महिलायें असुरक्षित हैं ये....यार राजधनी में असुरक्षित हैं ये.....या फ़िर ये कि असुरक्षित हैं ये.....सब बकवास बात है जी...ई कहिये कि दे़श , समाज और परिवार तक में महिलायें असुरक्षित हैं............आज कोई भी ऐसी जगह नहीं है ...जहां के लिये ये कहा जा सके कि महिलायें सुरक्षित हैं...अब सुन लो तनिक राजधानी की...तो ई बात तो उसी दिन प्रमाणित हो गयी थी..जिस दिन देश की प्रथम महिला आई पी एस ..किरन बेदी को तमाम षडयंत्र रच कर दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनने से रोक दिया गया....और बिल्कुल नागवार गुजरने वाले तरीके से उन्हें नौकरी से अवकाश पर जाने को मजबूर कर दिया गया......खाक समाचार है ये..

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खबर :- हसीना को पासपोर्ट न देने की वकालत ......

नज़र :- अरे ई का हो गया है भई पासपोर्ट विभाग को ...जरूर ई सब महंगाई का असर है ..बेचारे लोगन को दाल खाने को नहीं मिलता होगा तो ईहे अनाप-शनाप निर्णय लेंगे न.....हसीना को पासपोर्ट नहीं देंगे ...तो देंगे किसको जी....और किसने इजाजत दी उनको ऐसी वकालत करने की....हम अभी जी से शिकायत करते हैं....का कह रहे हैं.....बात हो रही है अंडरवर्ल्ड डौन दाऊद इब्राहिम कासकर की बहन हसीना पारकर का....अरे बाप रे ...ई तो कातिल हसीना निकली जी...इनका तो पासपोर्ट नहीं...राशन कार्ड भी नहीं मिलना चाहिये....एकदम ठीक वकालत की है जिसने भी की है....अब हर कोई..कसाब मियां के वकील साहब की तरह का वकालत तो नहीं कर सकता न...


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खबर::- युक्ता मुखी चली सलमान,शाहरुख की राह ..

नज़र :- अरे यानि युक्ता भी अब बौडी शौडी बनायेंगे...सिक्स पैक....वाह कमाल का आईडिया है जी.....क्या कहा ..उनका ये मतलब नहीं था...दरअसल उनका कहना है कि वे भी टीवी शोज होस्ट करेंगी ...अरे धत तेरे की ..या क्या....तो ये कहिये न कि आप राखी सावंत से टक्कर लेना चाहती हैं...लिजीये तो क्या गलत कहा मैंने..टीवी पर भी तो वही होस्ट चमक रहे हैं न जो पहले से ही चमके हुए हैं..नहीं तो आप ही बताओ न.....अपने राहुल राय, और दीपक तिजोरी भी न करे रहे होते होस्ट...चलिये आप तो किसी भी राह चलिये जी...का फ़र्क पडता है।

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तो ठीक है न आज एतने समाचार है खास खास...

मंगलवार, 6 अक्तूबर 2009

दारू पीने वालों के लिये अच्छी और बुरी खबर ..

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

खबर :- सार्वजनिक स्थल पर शराब पी तो पचास हज़ार जुर्माना

नज़र :- यार ये तो जुलम है जी...सरासर जुलम। ऊपर से ये भी नहीं बताया कि - ठर्रे, पव्वा, अद्धे ...के लिये जुर्माना राशि की रेंज़ अलग अलग होगी या एक जैसी। मगर इतना तो है कि सरकार ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि इस कानून को भी उतनी ही सख्ती से लागू किया जायेगा, जितनी सख्ती से धूम्रपान निषेध कानून को किया गया था। ..ओह ...यानि ..फ़िक्र को धुंए में उडाता चला गया या फ़िर फ़िक्र को अद्धे में डुबाता चला गया.......
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खबर :- गंगा में नहीं बहेगी गंदगी...

नज़र :- अरे ये चमत्कार कैसे जी। बरसों से चली आ रही परंपरा पर ये कैसा तुषारापात। अब गंगा में नहीं बहेगी तो और कहां..? लोगों ने रातोंरात प्रण ले लिया या...खुद गंदगी ने ही कह दिया कि ," अब तो मेरी पोस्टिंग कहीं और कराओ जी, मैं तो बोर हो गयी हूं...इस गंगा में बहते बहते.।" नहीं मैं फ़िर गलत समझा .....मतलब गंगा मे इतनी गंदगी जमा हो गयी है कि वो बहेगी ही नहीं...रुकी रहेगी। जब गंगा ही नहीं बहेगी तो गंदगी कैसे बहेगी......व्हाट एन आईडिया ....सर जी....

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खबर :- दूरंतो ट्रेन में भी सांसद ,विधायकों को यात्रा करने पर छूट...

नज़र :- मिलनी ही चाहिये, बेचारे ..गरीब, भूखे, नंगे । आखिर जनता के सेवक हैं । हमारा क्या है , हम तो जनता जनार्दन हैं। हमें छूट की दरकार नहीं। दुरंतो हो या टोरंटो, हर जगह हम पैसे खर्च करके जा सकते हैं । सेवक कहां कर पायेंगे इत्ता । इन्हें छूट दी जाये.।हुक्म की तामील हो...................
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खबर :- एयर होस्टेस से छेडछाड पर महिला आयोग सख्त

नज़र :- ऐसी घटिया हरकत पर भी सख्त न हो तो क्या करे......आखिर महिला आयोग है। अब देखना महिला आयोग दोषियों को पकड के कैसी सज़ा दिलवाता है ।उन्हें तो ऐसी सज़ा दिलवायेगा कि दूसरों के लिये सबक होगा ये। बलात्कारियों को तो महिला आयोग फ़ांसी पर चढा देता है...हां...। ...क्या कहा ऐसा कुछ नहीं है......मैं फ़िर से गलत समझ रहा हूं....तो....सख्त का मतलब ..उतना सख्त नहीं.....बस ये है कि महिला आयोग को इस तरह की हरकतें पसंद नहीं हैं......बस।
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खबर :- अदालत से राजनीति न करे यूपी सरकार

नज़र :- ये तो अन्याय है जी....सरासर अन्याय। कभी आप कहते हो इंजीनियरिंग को साइंस कहो सोशल (साइंस) नहीं । कभी कहते हो न पत्थर के हाथी बना सकते हो न बाबा साहब। और अब तो कह रहे हो राजनीति भी न करे सरकार। अबे क्या पागल समझा है...तो करे क्या...। समाज सेवा, दलित उत्थान, गरीबी उन्मूलन शिक्षा अभियान....जैसे आलतू-फ़ालतू के कामों से टाईम पास करे। बहन जी के राज में..ऐसा नहीं चलेगा...।
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खबर :- गंगा डौल्फ़िन बनी राष्ट्रीय जलीय प्राणी..

नज़र:- बन गयी न , चलो मुबारक हो जी ।अब न बनती तो कब बनती । कित्ती बच गयी हैं........थोडी सी । ओह तब तो ठीक किया ..वर्ना कहीं देर हो जाते तो.....? चलो अब हम प्रण लेते हैं कि इसका भी "उसी तरह " कल्याण-सम्मान करेंगे जैसा हम अपने अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों.....खेल, गान, ध्वज, नदी.....आदि का करते हैं । यहां .."उसी तरह" ..हमेशा ही ध्यान में रखें...सबसे महत्वपूर्ण तो यही है...
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बताईये ...अब कितना पढें....अब चाय पीकर आयेंगे न तब और भी पढेंगे .....कल जी ....