गुरुवार, 24 जून 2010

राष्टमंडल खेलों की तैयारी पूरी .........बस खेलने वाले खिलाडी नहीं मिल पा रहे हैं यार


खबर : राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी लगभग पूरी


नज़र :- वाह वाह ये हुई न बात । वैसे लगभग माने ..तनिक तफ़सील से पता लग जाता तो । अरे काम है महाराज । अब देख तो रहे हैं न , कि मेट्रो गुडगांव तक पहुंचा ही चुके हैं जल्दी ही बरेली और झुमरीतलैया तल भी पहुंच जायेगी । शहर की झुग्गियों में आग लगा लगा कर उसे पहले ही खत्म किया जा चुका है
। जो थोडी बहुत तैयारी अब करने को रह गई है , वो बस ये है कि , दस पंद्रह बार , पेट्रोल गैस की कीमत बढानी है .........अरे हां एक और काम रहा है । यार इन खेलों में भारत की तरफ़ से खेलने वाले खिलाडी नहीं मिल पाए हैं । चलो अभी तो टाईम है उन्हें ढूंढ ही लेंगे ..खेलों के आयोजन से पहले ।
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खबर :- फ़ांसी पर फ़ैसला जल्द


नज़र :- फ़ांसी पर फ़ैसला जल्द लिया जाएगा । आखिर किसी भी बात की हद है यार । अब तो बेचारे अफ़जल और अजमल भी थक चुके हैं । और सुना है कि कह रहे हैं अबे हमें भी तुमने अपने देश के घटिया मुजरिमों में ही हमारा नाम भी शामिल करवा दिया है । हमें नहीं रुकना और ज्यादा । ये बताओ फ़ांसी पर फ़ैसला करोगे ...अब इसके बाद इस फ़ैसले पर फ़ैसला कब लोगे । अरे लेते ही रहोगे तो दोगे कब .......फ़ांसी ।
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खबर :- नई उडान भरने को तैयार सचिन


नज़र :-अरे वाह ये तो बहुत ही बडी खबर है । खासकर ऐसे समय में जब फ़ुटबाल विश्व कप चल रहे हैं । जरूर तेंदुलकर ने मैसी को रिप्लेस करके अंर्जेटीना की टीम में खेलने का निर्णय किया है । क्या कहा नहीं ऐसा कुछ नहीं है । उडान भरने को तैयार .............उंम्म्म्म...फ़िर ..ओह अच्छा अच्छा ये तो और भी अच्छी बात है आज की तारीख में जब एयरलाईंस की हवाईजहाज उडान भरने को तैयार नहीं रहते , कमबख्त उडान मरने को तैयार रहते हैं ऐसे में सचिन उडान भर रहे हैं तो .......। अरे रे रे ..ये बात भी नहीं है , सचिन को भारतीय वायो सेना ने ग्रुप कैप्टन की मानद उपाधि देने का फ़ैसला लिया है । यार ये मानद उपाधि का चक्कर मेरे पल्ले आज तक नहीं पडा । चलो उडो उडो जी ।
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खबर :- ब्ल्यू लाईन बस ने ली दो की जान


नज़र :- वाह दिल्ली वालों को यूं तो नाज़ नहीं है ब्ल्यू लाईन बसों पर । लाख मैट्रो आ जाए , लाख नई नई कारें आ जाएं , रेडियो टैक्सी आ जाए । जो मारक क्षमता ब्ल्यू लाईन बसों की है ..और वो भी consistently .., हालांकि सरकार ने , पुलिस ने , खुद न्यायपालिका ने भी इसमें रोडे अटकाने की बहुत कोशिश की , वो performance , वो उपलब्धि किसी और की भी नहीं है । और सबसे मजे की बात है कि ब्ल्यू लाईन बसें इतनी बाधाओं के बावजूद अभी भी लगातार अपने स्कोर बोर्ड में बढोत्तरी करती जा रही है । और एक खासियत और भी है , ये कभी भी भेदभाव नहीं करतीं । कार में , सायकल में , स्कूटर में , या फ़िर कोई पैदल ही चला जा रहा हो ,,,इनकी मारक क्षमता से कोई बच नहीं सकता । सुना तो गया है कि इसे भारतीय सेना में भी शामिल करने की बात चल रही है ।


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खबर :जांच में एक दर्जन पुलिस टीम , नहीं लगा अब तक सुराग


नज़र :- अरे दर्जन के हिसाब से ये काम करोगे तो क्या खाक सुराग लगेगा, और फ़िर इतनी भी अक्ल नहीं है कि , आजकल केलों का सीजन थोडी है जो दर्जन का भाव लगा के पुलिस टीम तैयार की है । अरे भाई साहब , आजकल आम का मौसम चल रहा है , इसलिए मेरी मानिए तो तो किलो का पैमाना ही ठीक रहेगा । और फ़टाफ़ट चार पांच किलो पुलिस टीम को जांच में लगाईये , देखिए सुराग तो सुराग ....पूरा खजाना ही हाथ लग जाएगा । फ़िर किलो के भाव मिल भी जाएंगे ये आसानी से क्या कहते हैं ।