खबर :- खेलगांव में कुत्ते घूम रहे थे ....नज़र ..हुंह ..अबे जाओ जाओ हमें तो पहले ही पता था ...तुम लोगों चाहे जितना मर्ज़ी ..पैसे वैसे खिलाओ -पिलाओ , सेवापानी करो ..सालों कैमरा देखते ही ...बाय डिफ़ाल्ट ...सच का सामना करने लगते हो ...। क्या कहा बे ..कुत्ते घूम रहे थे ...अबे सालों ...जब तुम खेलगांव को देखने ही कमीनों के साथ गए थे ..तो कुत्ते ही देखने को मिलेंगे न ...क्योंकि हमारे यहां जब से ...धरम पाजी ने एक बार कह दिया कि , " कुत्तों कमीनों " तब से तो यही रूल बन गया है कि ..कुत्ते जहां होंगे कमीने भी वहीं होंगे । वैसे भी ..हमारे पास हैं कुत्ते इसलिए घूम रहे हैं ..तुम्हारे पास जब हैं ही नहीं तो क्या खाक घूमेंगे । हां हां हम समझ गए ..तुम लोग सोच रहे होगे कि ..जब इस खेल का ..प्रतीक शेरा ..यानि शेर है तो फ़िर यहां कुत्ते क्यों ..अबे यार अच्छा पूछा तुमने ..यार तुम्हें तो पता है कि पिछले दिनों यहीं कित्ती बारिश होती रही तो हुआ ये कि ये तो शेरा था न भीग कर ,,,कुकेरा हो गया अब बताओ ..अबे तुम्हें क्या पता होगा ..सालों तुम्हारे यहां तो बारिश भी ....कंप्यूटर पर ही होती होगी ..॥________________________________________________________________________________________________खबर :खेल से पहले गिरा फ़ुट ओवरब्रिजनज़र :- हां तो ........वादा तो यही था न कि ..राष्ट्रमंडल खेलों से पहले ही सारा काम खत्म हो जाना चाहिए ..तो हो गया ..देखो यार ये तो अजीब ..हुल्ल्ड गुल्लड हुई ...आखिर ये पुल उल क्यों बनाए जाते हैं ?? इसलिए न कि एक दिन टूट कर गिर जांए ..और फ़िर एक और पुल बनाया जाए ..और विकास की ये प्रक्रिया सतत चलती रहे ..चलती रहे और चलती रहे ..। अरे यार ..समझ गया ..तुम सोच रहे होगे कि इससे कितनी बेइज्जती हुई है हमारी ...यार तो अब मुंह में ऊगल डाल के सच उगलवाओगे ..अबे काहे की बेइज्जती बे ...पहिले जईसे लपटन साहब सी इज्जत थी तुम्हारी नईं ....अरे उ लोग को अगर तुम शपथपत्र पर लिख कर भी दे दोगे न तो उनका ई विश्वास नहीं मिटने वाला है कि ..भारत में बना है तो गिरेगा ही .......और फ़िर खेलों से पहले गिरा है तो साले को इतनी कवरेज मिली है कि...ठेकेदार कंपनी लाखों खर्च करके भी अपनी कंपनी का नाम न करवा उतना फ़ेमस न करवा पाता ..तो अंत भला ..नहीं नहीं , "शुरू भला तो अंत टला "॥______________________________________________________________________________________________खबर :- दिल्ली में पकडा गया पाक जासूसनज़र :- यार एक तो ऐसी खबरों का एंगल मुझे समझ में नहीं आता ..इसको क्या मानूं ...पकडा गया पाक ............जासूस ...दिल्ली में ..पकडा गया पाक जासूस .....या कि ..दिल्ली में पाक जासूस आखिरकार पकडा ही गया ....साले तीनों ही एंगल एकदम बकवास लग रहे हैं ..अबे पाक का है तो जासूस ही होगा न , जासूस होगा तो पकडा ही जाएगा न , कोई आतंकवादी तो है नहीं ...और दिल्ली में ही पकडा जाएगा न ...आखिर देश के सफ़ेदपोश से लेकर नकाबपोश अपराधी दिल्ली में ही तो पकडे जाते हैं न ..?? मारो यार इस खबर की हेडिंग ही ऐसी है ..कि क्या खाक लिखें ...____________________________________________________________________________________________खबर :- शराब पीकर विमान नहीं उडा पाएंगे पायलटनज़र :- हा हा हा हा . ये हुई न बात ..यदि मुझे सनसनी की टनटनी टाईप से इसे सुनाना होता तो मैं कहता ......अब .....शराब .....पीकर विमान नहीं उडा पाएंगे पायलट .....तो फ़िर क्या पीकर उडा पाएंगे ....भांग , ताडी , ठर्रा , थैली , पाऊच ....अबे जल्दी बोलो बे इत्ता बर्दाश्त नहीं करता ..बडी ओहदे पर बैठा पियक्कड ...। शराब पीकर ......विमान ...नहीं उडा पाएंगे पायलट .....ओह अच्छा अच्छा ...ये कंडीशन सिर्फ़ विमान ड्राईविंग के मामले में ही लागू हुआ न ...यदि ट्रेन चला कर लडा भिडा दें , बस को ट्रक के सामने टिका दें , या फ़िर ..अरे छोडो या लुब्बोलुआब ये कि ..विमान छोड के बेवडे पायलट ..हल से लेकर हलचल तक सब कुछ चला सकते हैं, न सिर्फ़ चला सकते हैं ..बल्कि ठोंक सकते हैं भेड सकते हैं ...। या एक और एंगल है यार . ...अब शराब पीकर विमान नहीं उडा पाएंगे ............पायलट । हा हा हा तो और कौन उडाएगा बे ..वो परिचारिकाएं ,,उन्हें तो टॉफ़ी से ज्यादा मुछ बांटने की ट्रेनिंग ही नहीं दी जाती ..तो और कौन ...सवारियां ..हा हा हा छोडो यार सनसनी नहीं फ़ैल रही ..कमेडी हो रही है ये तो ..॥______________________________________________________________________________________________खबर : सब्जियों के दाम आसमान परनज़र :- हमें तो ये शक उसी दिन हो गया था जिस दिन , दिल्ली में बारिश का कंट्युनिटी ....ससुरा ट्रैफ़िक जाम की कंट्युनिटी के साथ ,,,पूरी कंट्युनिटी बैठा लिया था कि हो न हो ....ऊपर जरूर ....क्षीर सागर मंडी में ....प्याज का रेट ..काफ़ी ऊपर तक चला गया कि ..अब जित्ती भी मेनकाएं , देवियां , और भांति भांति के ब्लैक एंड व्हाईट के जमाने की हीरोईनों के नाम वाली अप्सराएं हैं ..वे तो भैय्या बिलख बिलख कर रो रही हैं...ज़ार ज़ार रो रही हैं ...और यहां हम समझ रहे हैं कि ससुरे अमेरिकियों के कारों और एसी वाले घरों ने इतना पादा है कि ..ससुरा ग्लोबल वार्मिंग हो गया है । असलियत तो यही थी कि इस बरसाती मौसम में मूड बनाने के लिए ..सारे देवताओं को ..जिस चखने की जरूरत होती थी ..उसके लिए प्याज का होना जरूरी थी ..और फ़िर जो हुआ वो सामने है ..चलो ये कुछ खबर टाईप की थी ..आखिर " टॉप टू बॉटम " तक की कवरेज थी_________________________________________________________________________________________खबर :- अब कपडे भी खरीदिए किस्तों मेंनज़र :- आयं .....अबे ई का कह रहे हो ...इत्ती मंदी आ गई क्या बे ..। यार अमेरिका वालों एक तो ,जब तक यार तुम लोग कुछ बताते नहीं हो ..साले इस देश को कुछ पता ही नहीं चलता टेम से ..अबे कसूर हमारा भी नहीं है ....अब कारण भी सुनते जाओ ...जानते हो हमारे यहां किस चैनल की टीआरपी सबसे ज्यादा है ..इंडिया टीवी ....हां तो फ़िर , समझ गए न । चलो अच्छा है यार , अच्छा ये बताओ ..कच्छे और बनियान...तो कंप्लीमेंटरी सर्विस में या फ़िर .....श्योर शॉट लकी ड्रॉ .........में देते हो न कि , वो भी बीस आसान किस्तों में ...एक रुपया रोज ..कच्छा धोने के साबुन के लिए और एक रुपया उसकी किस्त ...जस्ट ए फ़िफ़्टी फ़िफ़्टी एडजस्मेंट प्लांट ..नथिंग ...ढका छुपा यार ..चलो पूरा पैकेज का स्कीम फ़ुल डिटेल में भेजना कभी ...______________________________________________________________________________________खबर :-स्लम विभाग में साढे तीन करोड की हेराफ़ेरीनज़र :-हा हा हा ...................अबे ये क्या खबर है भाई ..नाम स्लम विभाग .......यानि झुग्गी डिपार्टमेंट ..तो उस हिसाब से तो इसमें हेराफ़ेरी ..ज्यादा से ज्यादा बमुश्किल ....साढे सत्रह रुपए से लेकर ..उन्नीस बीस रुपए तक के बीच में होना चाहिए था ....मगर ये क्या कहा है भाई ...सौ ,हज़ार ,लाख नहीं ....डायरेक्ट करोड ..बल्कि करोडों ...हा हा हा अबे एक बात बताओ .....ये जो करोडों की हेराफ़ेरी कर डाली भाई लोगों ने फ़िर मतलब कि टोटल स्कोप तो और भी ज्यादा था ....तो जब इत्ते करोड का कुल बजट है तो सीधे सीधे उन झुग्गी वालों को दे क्यों नहीं देते ...इत्ते में तो वे सब मजे में सेटल हो लेंगे ...। फ़ि तो बेटा .....इस स्लिम ..ओह स्लम विभाग की जरूरत ही नहीं रहेगी ...हा हा हा ओह ! तभी तो ये नहीं किया जा रहा है ..जय हो स्लम विभाग और करोडो का हेराफ़ेरी ..............अब चलें ..अबे भाई लोगों ..इत्ता आज ही हंस लोगे तो कल .......
शुक्रवार, 24 सितंबर 2010
यार ! टायटल नहीं सूझ रहा है ..छोडो मारो गोली ....आप तो बस पढ जाओ .....झा जी पूरे मूड में कहिन
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बहुत ही बढ़िया लगा लेख पढ़कर ........
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया अजय जी, आज तो पुरे मूड में लिखे है ..मजा आ गया .. ....
कृपया इसे भी पढ़े :-
क्या आप के बेटे के पास भी है सच्चे दोस्त ????
एक से बढ़कर एक... वैसे टायटल की जरुरत भी नहीं थी...
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं व्यंग्यहार। हम तो समझे थे कि ब्लॉगरों की वसीयत जारी हो गई। यहां पर कॉमनवेल्थ के कुत्तों, बंदरों, पायलटों की वसीयत लिखी गई है।
जवाब देंहटाएंइसे पढ़ना मना है खेल है खिलवाड़ है पैसे का पहाड़ है
पूरे मूड में!?
जवाब देंहटाएंझा जी आप तो ऐसे ना थे!
बिना कुछ गटके जब यह मूड है तो ...
हा हा .... का मजा आ गया! लग रहा है की एकदम लाइभ टेलीकास्ट हो रहा है. अभी ई हाल ई तो गेम्स्वा सुरु होने पर का होगा...? खैर .. कुछुओ हो...अमेरिका को काहे ला घसीट रहे हैं? हमनी के का किये हैं?
जवाब देंहटाएं" maza aagya ajay sir ..bahut hi badhiya "
जवाब देंहटाएं----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
"खेल जगत के माफिया "- सुरेश कलमाड़ी "
पॉज के माध्यम से बड़े गजब एंगल ढूंढें भाई जी.. मज्जा आ गया.. हर खबर की नज़र कोई उतारे तो ऐसे..
जवाब देंहटाएंहा हा!! बहुत सन्नाट सभी. वाकई मूड में हैं.. :)
जवाब देंहटाएंबिना कुछ गटके जब यह मूड है तो ...
जवाब देंहटाएं@अमेरिका को काहे ला घसीट रहे हैं? हमनी के का किये हैं?
भारत की हर समस्या के पीछे इन तीन में से कोई न कोई अवश्य होता है - पाकिस्तान, अमेरिका, भगवान। हम कभी किसी समस्या के कारण नहीं होते, आखिर भगवान भरोसे ही तो चल रहे हैं। अब झा जी ने अमेरिका को घसीटा है तो अपनी परम्परा का पालन किया है।
हम भी सोच ही रहे थे कि स्तुति को आखिर कहा क्या जाए ??? मगर गिरिजेश जी ...ने पूरा सिलेबस ही सामने धर दिया ..इहे न कहलाता है लंठई ....
जवाब देंहटाएं:) :) :)
जवाब देंहटाएंNothing else...
खबरों कि खूब खबर ली .. बढ़िया :):)
जवाब देंहटाएंएकदम टनाटन मूड में तोड़ाई किये हैं । इसका शीर्षक ’तोड़ाई ’ कर दीजिये ।
जवाब देंहटाएंVaah janaab, bahoot achche..
जवाब देंहटाएंkhabron ke khabar
जवाब देंहटाएंpar apki nazar
kahti hai hame
jara aur thahar....
khabron ke gazal
par a nazron ka bahar
kahti hai hame
jara aur thahar....
पापा कसम मजा आ गया, सुरीली
जवाब देंहटाएंवाकई आज आप बडे मूड में हैं। तो हमने भी सोचा कि बिजी पाण्डे के ईस्टाइल में टिप्पणी कर दें।
प्रणाम
टायटल की जरुरत भी नहीं थी... :-)
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं धोबी पछाड्………………एक ही बार मे सबको चित कर दिया………………इसके लिये टाइटल की क्या जरूरत है अपने आप मे काफ़ी है।
जवाब देंहटाएंकुत्ते-आदमी..... ज़मीन-आसमान.... सभी कुछ तो समेटे में ले लिया :)
जवाब देंहटाएंखबरों की ये खबरें .. क्या कहने.
जवाब देंहटाएंअन्दाज आपका लाजवाब
सारी खबरें दम दार हैं ... धमाके दार .... व्यंग धार ..... मज़ा आ गया ...
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