पेशावर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पेशावर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 3 जून 2012

हर ओर इक तमाशा फ़ैला है , कहीं शोर कहीं शराबा फ़ैला है

















मऊसम का भविष्यवाणी सत्य हुआ , आज अभी तनिक सा बरस गए बदरा ,
गरम तवे पे मारा पानी , हुआ छन से , ओईसे ही धरती से उलटा मार रहा है धधरा
(ई अईसा लगा मानो भगवान जी का पसीना भी चुहुक के टपक गया है , देखिए आगे का होता है )

.



डॉक्टरों के संगठन ने आमिर से माफ़ी मांगने को कहा ,
हा हा हा कौन था जी , जो कह रहा था , न , इस शो का कोई असर नहीं रहा ,
(लेकिन विकट सच ई है कि , डाक्टर , पुलिस , वकील , अफ़सर ,अधिकारी आ राजनीतिज्ञ , पत्रकार , कलाकार सब इसी समाज से हैं , हम आप में से ही कोई एक उधर भी है इधर भी)
.



रोमिंग जे जंझट बहुत जल्द ही अब मिल जाएगा छुटकारा ,
गज़्ज़ब !सालों ,तुमने पहले ही ट्यून फ़ून लगा के ,लूट लिया बे सारा..
(अब लोग एतना बुडबक नय है , पंद्रह दिन का छुट्टी के लिए ही , लोग बीस रुपया का नया सिम लेके मस्त हो जाता है ..भाट एन आयडिया सर जी)
.



पेट्रोल मूल्य वृद्धि के खिलाफ़ राजग , वाम दलों व सपा ने किया प्रदर्शन ,
नय ई सब तो ठीक है , लेकिन सस्ता केतना हुआ , तुम चलाए जो चक्र सुदर्शन
(बताओ हे बंदास्टिक वीरों , रोडवा सब गरिया रहा था तुम लोग , भर दिन उनका छाती पे मूंग दले हो बे तुम सब)
.




कि ये आग जो रह रह के सुलगती है , अब पूरी तरह ही सुलग जाए तो अच्छा ,
जगाते रहें हैं झिंझोड कर अवाम को , अब पूरी तरह जो जग जाए तो अच्छा ....
(वर्ना तो खुद कयामत भी लगी है तुम्हें सुलाने और सुलटाने में , अबे महापिरलय का आकासबानी नय सुने हैं क्या जी)
.




टिवाडी जी के खून का नमूना , आज पहुंच गया हैदराबाद ,
बस बस , उधर आया रिपोर्ट , इधर टिवाडी जी हो गए बरबाद ,
(त गुल खिलाते समय नय न जानते होंगे कि डीएनए टेस्ट भारतो में हो जाता है , धरा गए अब)
.




लो जी पिटरोल हो गया सुने हैं , रुपया सस्ता दो ,
सरकार भी ससुरी खेल रही सेल सेल , दाम बढा के बीस पईसा छूट दो ,
(ज्योह्ह रे लाला ..का चला रहे हो आरी धीरे धीरे )
.



उप्र में laptop के मद में 2721. करोड रुपए का प्रस्ताव ,
आयं , अबे सोच लो , उसमें बगावत ही पकेगी , जब जलेगा अलाव ...
(आ तब तुम पिरतीबंध लगाते ही रह जाओगे हाकिम)
.



भारत से संबंधों की प्रक्रिया तेज़ करने के इच्छुक हैं गिलानी ,
हां हां जानते हैं जी , तभिए तो इहां कसाब को सियासत खुद खिला रही बिरयानी ..
(हा रे देश , कभी गाया करते थे खूब लडी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी .
.भक्क साल्लाह )
.


ओह , ये वक्त क्या क्या सितम ढा रहा है ,
कोई नाम के लिए , कोई दाम के लिए , कोई पेट के लिए आज गा रहा है ..
(इंडियन आइडल फ़र्स्ट यानि अभिजीत सावंत के बाद वाले आइडलों के बारे में पूछिएगा तो अपना नालेज भकरभक्क है .)

.


रिपोर्ट के अनुसार ,धरती का पर्यावरण बिगाडने में अमेरिका है सबसे आगे ,
डिरामा देखिए इसका , सब ठो पोलुसन कंट्रोल संधि से चुपचाप निकल के भागे,
(बताइए साला उलटा चोर कोतवाल को डांटे )

.


दुनिया के 500 टॉप कॉलेजों को भारत में पढानी की मिल गई है छूट ,
विद्या भी कारोबार बना , शिक्षा की दुकान सज़ी , जो लूट सके तो लूट ,
(गरीब की कमर गई है टूट , अब तो हर छूट लगे है लूट)
.



डिरिया रही मीडिया ,अन्ना -केजरीवाल और बाबा रामदेव में फ़िर से उभरे मतभेद,
बकवास छोडो , खाली ई बताओ , जनलोकपाल , काला धन , है किस मुद्दे में छेद
(आ अगर दुन्नो मुद्दा जरूरी है तो बस यही जरूरी है , समझ गए हाकिम )
.


बमुश्किल कभी अब अपने लिए टीवी खोलता हूं मैं ,
खबरों के ढेरों चैनल के बीच कोई खबर टटोलता हूं मैं ,
(मगर अफ़सोस तमाशा मिलता है , शोर मिलता है शराबा मिलता है .. )

शनिवार, 10 अक्टूबर 2009

गले से नहीं उतर रहा ,ओबामा को नोबेल,...अजी गला खराब है आपका, विक्स की गोली लो और खिचखिच ....


खबर :- गले से नहीं उतर रहा, ओबामा को नोबेल......

नज़र : मतलब साफ़ है....आपका गला खराब हो गया है॥हो सकता है उसमें...मुर्गी या शूकर फ़्लू का प्रकोप हो गया हो....आपके लिये वही दैवीय बूटी ही काम सकती है॥विक्स की गोली लो...खिचखिच दूर करो.........और नहीं हो रही तो भी खिटपिट मत करो यार...बताओ किसके गले नहीं उतर रही॥

॥अरे हमरे गले नहीं उतर रही है॥बोलो का करोगे , बताओ भला ....हम तो सोच रहा हूं कि ई नोबेल के नाती पोता पर केस कर दूं...अरे आज के डेट में इस पुरस्कार के लिये हमसे बेहतर दूसरा कौनो हो सकता है दूसरा...देखो हम इलेक्शन हार गये ...मंत्री बनने से भी रह गये...हमरा सबसे फ़ेवरेट मंत्रालय भी जानबूझ कर ..उनको दे दिया लोग.....आऊर तो आऊर ..हमको सब लात मार के निकाल दिया..फ़िर भी देखिये कितना शांत बैठे हैं...अब तो नितिश जी को भी नहीं गलियाते हैं..तो शांति का नोबेल -ग्लोबेल जो भी था ..हमरे नाम ही होना चाहिये था जी...


_______________________________________________________________



खबर :-कोडा खा गये चार हज़ार करोड...

नज़र :- जे बात ...अब लगा न कि ई राज्य बिहार से निकला था...जब से झारखंड बना था ...एक दम नीरस और बकवास बन के रह गया था....बस कुछ नहीं तो..मुख्यमंत्री-मुख्यमंत्री खेल रहा था...कौनो एडवेंचर था ही नहीं...अब जब पता चला है कि ..मुख्यमंत्री कोडा....अरे पता किजीये तो..इनका नाम कहीं ..करोडा तो नहीं था....पूरे चार हज़ार करोड खा कर हज़म कर गये..मन बाग बाग हो गया...देखिये जी अब ई नहीं कहियेगा कि काहे..यदि मन बाग बाग हो रहा है तो अच्छे है न..ग्लोबल वार्मिंग कम होगा...और ईतना तो बढिया है न कि मान लिजीये कल को देश में मंदी जादे हो जाता है...तो लालू जी. कोडा जी, सत्यम जी ..और बस कुछ छोटा मोटा लोग को काट कर इनके पेट से इतना पैसा निकाला जा सकता है कि अपना तो अपना ..अमरीका का मंदी भी भाग जायेगा..

___________________________________________________________________


खबर:-राष्ट्रमंडल के खेल प्रतिनिधियों की खूब हो रही है खातिरदारी....

नज़र :-..देखा हमारी खेल नीति कितनी स्पष्ट और पारदर्शी है..अपनी खेल परियों..खेल देवताओं, खिलाडियों...और खेल से जुडे तमाम लोगों का चाहे अपमान हो जाये..चाहे उन्हें खून के आंसू रोना पडे....चाहे खेल के कारण उनका पूरा भविष्य चौपट हो जाये...मगर इसका ये मतलब नहींम कि अधिकारियों को हम किसी तरह का कष्ट होने दें...खास कर जब वे विदेशी हों....ऊपर से इंस्पेक्शन पर आये हों..अजी उषा का क्या है....और फ़िर ये रोना धोना तो चलता ही रहता है...वैसे भी ये हमारी राष्ट्रीय खेल नीति का अहम हिस्सा है....देखिये आप लोगों कि दुआ से इस बार कितने पदक मिलते हैं....वैसे तैयारी तो पूरी की है हमने..अजी खेलने की नहीं....कमाने की...
हालांकि प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे संतुष्ट नहीं हुए हैं...यदि उन्हें भी एक वकील मुहैया करा देती सरकार तो वे भी खुद को ..कसाब की तरह ..खास मेहमान बनने की अनुभूति पाते...बेचारे उन्हें कहां नसीब हो सकता है ..वो सुख...
__________________________________________________________________


खबर :-दिवाली पर तोहफ़ा सस्ते होम लोन का ..

नज़र :- मैं तो तभी समझ गया था कि जो सरकार अभी तक .....टैण टैणेण की जगह ..सिर्फ़ जय हो जय हो ही गा रही है....यानि साफ़ है कि अपडेटेड नहीं है.....वो सरकार ऐसे ही ओल्ड फ़ैशन्ड निर्णय ही तो लेगी न......आप ही बताईये आज एक..... कैटल क्लास ...(कमाल का नया शब्द और पहचान दिलाई है थरूर साहब ने...मैं तो कहता हूं सिर्फ़ इन दो शब्दों के कमाल के उपयोग के लिये ही उन्हें साहित्य का नोबेल मिल जाना चाहिये था..मगर नोबेल वालों ने शांति का नोबेल भी पता नहीं कैसे तो.....खैर छोडिये इसे....) का सबसे बडा सपना क्या है...सिर्फ़ यही कि ..चाहे वो झुग्गी में रहता हो ..या फ़ुटपाथ पर सोता हो..चाहे वो ताज में खाये या ओबेराय में...काश कि दाल मिल जाये....और अब तो प्याज भी सेलिब्रिटी सी हो रही है....मुई चढती ही जा रही है....ऐसे में यदि लोगों को किसी चीज के लोन दिया जाना चाहिये तो वो है दाल...सिर्फ़ और सिर्फ़ दाल..आप खुद ही देखिये न कौन सी बिल्डिंग इन दालों की फ़ोटू के समान सुंदर होगी.......

__________________________________________________________________

खबर :-पेशावर में बम धमाका ..

नज़र :- लो जिसका डर था वही हुआ...मैं न कहता था कि इन ससुरों को जादे पैसे मती दो सैम अंकल...क्योंकि ये तो खाली बम ही बनाते हैं पैसों से ..और कुछ तो करते नहीं...बना लिये होंगे क्विंटल के भाव से...अब इस बार दिवाली में ..हमारे यहां तो चीनी भाई अपनी फ़ैक्ट्री के बम पटाखे बेच रहे हैं..बेचारे किसी तरह अपने चाउमीन का जुगाड कर रहे हैं...सो पाकिस्तान वाले बमों की खपत तो यहां इस बार हो नहीं पायेगी .....इस बार उनका एक डेडिकेटेड बच्चा ..कसाब..अपने यहां मेहमान है न...तो ये तो होना ही था..बम हैं तो फ़ूटेंगे ही....काश कि ये कोई समझ पाता कि....बम ..देश, मजहब, जाति..नहीं पूछते ...फ़टने से पहले....न ही मौत पूछती है....

__________________________________________________________________

आज के लिये इतना ही ..बकिया समाचार आप टीवी में भी तो देखिये न...