मंगलवार, 23 मार्च 2010

आखिर हेडली पर माना अमेरिका : बस अमेरिका ही माना है हेडली माना कि नहीं भाई ?

खबर :- जनता पर भारी पडा शेरा ,टाईगर
नज़र :- लो कल्लो बात हमें तो पहले ही पता था कि ई बडकी बिल्ली को जो आप सब मिल के बचाने में लगे हो ..कह रहे हो कि ..खाली चौदह सौ बचे हैं ..उ एक एक भारी पडेगा । अब देखा न पड गया न  भारी शेरा को आगे करके राष्ट्रमंडल खेल के बहाने दिल्ली सरकार ने आम लोगों का तगडा शिकार कर डाला है ।अब पब्लिक ये सोच सोच के हलकान होती रहे कि यार मेरे घर के सिलेंडर में से सरकार इत्ता बडा राष्ट्रमंडल खेल करवाने के मूड में है । जाने कल को ओलंपिक का मन हो गया तो ..पता नहीं क्या क्या बिकवा के छोडे । अच्छी मुसीबत है यार ...शेरा भी बच गया सरकार भी ...बिल्ली के चक्कर में मारी गई दिल्ली ॥
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खबर :- आखिर हेडली पर माना अमेरिका
नज़र :- मान गया न , देखा हमने नहीं कहा था कि अमेरिका भी बडा मानू टाईप का है ..पहले छिछोरों की तरह न न करता है फ़िर आखिर में मान ही जाता है । चलो मुबारक हो समझो केस तो हल ही हो गया , बस एक बार हेडली भी मान जाए तो क्या कहने । क्या कहा ..हेडली माने या न माने क्या फ़र्क पडता है ।
और फ़िर अमेरिका भी फ़ट से इसलिए भी मान गया होगा क्योंकि उसने देखा होगा ही कि जब पाकिस्तान से आए अपने पडोस के मेहमान अजमल , और अफ़जल को हम कित्ता प्यार से रख रहे हैं तो फ़िर तो हेडली के पास तो अमेरिकन वीज़ा पावर है । ..है कि नहीं ??
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खबर :- दिल्ली बजट :खेल के लिए है सारा खेल
नज़र :- यार ये तो जुलम पे जुलम है , सरकार । ऊ भी अईसन कि आम पब्लिक तो आम से तरबूज़ हुई जाती है । अभी कल ही पढा कि दुई ठो किरकिट टीम को जाने कितने करोड अरब खबर रुपए दे कर खरीदा गया है बाकायदा बोली शोली लगा के । फ़िर आज देखा तो सरकार कह रही है कि देखो जी , हमें इस साल एक मंडल खेल कराना है इसलिए तुम्हारी रसोई का कमंडल ठंडा किए देते हैं । आज से सिलेंडर का साईज़ उतना ही रहेगा तनिक दिल बडा कर लीजीए ...अरे बिल बडा न होने वाला है व्हाट एन आईडिया सर जी । मगर यार जब इत्ते ही गरीब हो रिए थे तो कह देते आईपीएल वालों को पैसा उधार देने को ..आराम से ओलंपिक भी करवा सकते थे भईये ।
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खबर :- भाजपा न संघ को छोडेगी न हिंदुत्व को
नज़र :- बिल्कुल छोडना भी नहीं चाहिए , खासकर ऐसे में जब न कुछ छोडने के लिए बचा हो न ही पकडने के लिए ...और अब तो सुना है कि आम आदमी को भी भाजपा की इस पकडम पकडाई में अब कोई इंट्रेरेस्ट रह ही नहीं गया है । फ़िर इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है कि ..हम तो डूबेंगे सनम ....और सब जने साथ साथ ही डूबेंगे । वैसे एक बात समझ में नहीं आई ..भाजपा ने हिंदुत्व को कब पकडा था । हां मोदी शोदी जैसे एकआध को छोड दिया जाए तो , बांकी सबने तो कर लिए सारे वादे पूरे । धारा 370 हटा दी , राम मंदिर बना दिया ..और ..अबे छोडो हमने कौन तुम्हारी रिपोर्टकार्ड लिखनी है ।
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खबर  :- अर्थव्यवस्था की नब्ज़ टटोलेंगे प्रधानमंत्री
नज़र :- ओह आखिरकार प्रधानमंत्री के भीतर छुपा अर्थशास्त्री जाग ही उठा न । हमें तो पता ही था कि एक न एक दिन ऐसा होगा ..जब प्रधानमंत्री को इस कोमा में जा रही अर्थव्यवस्था का ध्यान आ ही जाएगा ,,बेशक चीनी , आलू खरीद कर बेहोश होती आम प्रजा का ध्यान आए न आए । मगर सर जी जल्दी करिए न ....मुझे तो लगता है नाडी  रही नहीं है अब ..बस धुचुक धुचुक ही हो रहा है सब कुछ ..अरे वो मरने से पहले फ़डफ़डाने टाईप का होता है न ..वैसा ही कुछ चल रिया है भाई । देखें अब नब्ज़ पकड के कब तक सरकार अर्थ्वयवस्था का कब्ज़ दूर कर पाती है ।

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खबर :- बातचीत से पहले पाक का दामन देखे अमरीका : भारत की नसीहत
नज़र :- भारत की नसीहत , अमेरिका को ..वो भी ये कि पाकिस्तान का दामन देखे । अबे कितना जुलुम डायलाग काट लिए आज भैय्या । तबियत उबियत तो ठीक है न सबकी । ई अचानक अईसन बंदर पलटी कैसे भाई । ई जरूर थरूर ही होंगे । का कहे नहीं ई तो एस एम कृष्णा हैं...कह रहे हैं कि अमेरिका को पाकिस्तान का दामन देखना चाहिए  इससे पहले कि वो पाक से परमाणु मुद्दे पर बात करे । लो तो इसमें कौन नई बात है जी , पाकिस्तान का दामन तो अमेरिका देखता ही रहता है ..अरे अपना डोनेशन का बैलेंस चैक करने के लिए यार । और फ़िर पाकिस्तान के मियां अब्दुल कादिर ने ही तो इससे पहले अमेरिकी परमाणु की इत्ती बढिया सेल की थी ..फ़िर क्या देखना जी ॥

8 टिप्‍पणियां:

  1. अब चुप ही रहिये. बोलेंगे तो बीटी फसलों की मुखालफत वाले बिल में प्रोवीजन कर दिया जायेगा कि यदि फसलों की तरह ही सरकार के विरुद्ध कुछ भी बोला तो लाइफटाइम अचीवमेंट मिलेगा जेल में रहने पर..

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  2. बहुत शानदार, बहुत ज़ोरदार.

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  3. सुन्दर आलेख!
    राम-नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  4. समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण क्या है ? क्या ये वास्तव में सुनवाई करता है समाचार प्रसारण में हो रहे मानकों के उल्लंघन की शिकायत का? कृपया प्रकाश डालें.

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  5. jabardast likha hai ,daad deni chahiye ....sarkaari mamlo me bolna har kisi ke vash me nahi ,magar padhkar se kai baate saamne aai ,sundar likha hai .

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  6. खूब लिखा आपने...बढ़िया.

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    'पाखी की दुनिया' में इस बार "मम्मी-पापा की लाडली"

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हमने तो खबर ले ली ..अब आपने जो नज़र डाली है..उसकी भी तो खबर किजीये हमें...