नज़र :- गलत किया बिग बास ने, और बिग बास ने ये किया ही क्यों.... काहे से कि जब बिग बास कुछ करबे नहीं करते हैं, अरे जौन कर रहे हैं या तो वहां घुसे हुए मेहमान खुद कर रहे हैं ....नहीं तो हमको छोड कर कुछ लोग जो एसएमएस करते हैं ..ऊ लोग कर रहे हैं.....वैसे हमको शक है कि कौनो एसएमएस करता भी है ...खैर छोडिये ई बात को..बात तो असली ई है कि बिग बास गलत किये कमाल खाल को बाहर निकाल के। देखिये जी ई माना कि ऊ देश द्रोही रहे हैं ....तो का हुआ ..अरे असली में थोडे हैं जी ....फ़िर सबसे जरूरी बात तो ये थी कि इस बात कि पक्की खबर थी कि अबकी जो कमाल खान थोडे दिन और बिग बास के घर में रह जाते .....तो अगला नोबेल उनको ही मिलना था पकिया था जी .....ई रोहितवा और राजू भाई गडबडा दिये सब ..एक ठो और नोबेल छूट गया ..चलिये का किजीयेगा सब्र किजीये।
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खबर :- ड्राईवर के झपकी लेने के कारण हो गयी रेल दुर्घटना ...
नज़र :- अरे सिर्फ़ झपकी ली थी.....काहे महाराज ...भारत में तो नौकरी ..ऊ भी सरकारी के दौरान....मात्र झपकी नहीं ..बल्कि पूरा कुंभकरणी नींद पूरा करने का परंपरा है जी ...ऊ भी जाने कबे से...कोई कह रहा था कि ई तो त्रेता आ द्वापर से ही चला आ रहा है। फ़िर एतना टेंशन काहे लिये.....पूरा नींद खेंच मारते । का पब्लिक मर जाती और जादे .....लो कल्लो बात तो ई से का होता...अरे भैया पब्लिक तो हईये है..मरने के लिये ..तो कौनो न कौनो उपाय से मरबे करेगी। फ़िर ई काहे नहीं सोचते हो कि रेल बजट में सुरक्षा उपाय के लिये चाहे दू पैसा खर्च करने का प्रावधान हो या न हो...मुदा दुर्घटना में मरे वाला सब के लिये घोषणा करने के लिये बहुते पैसा होता है जी.......फ़िर घोषणा करने के लिये कौन ...सच्ची मुची का पैसा का जरूरत है ......ऊ तो देने के लिये पडता है ....और देना किसको है। ...यार ई रेल दुर्घटना सब में कभी कौनो ...बडका आदमी को पैसा मिलते नहीं देखे.....अब ई कैसे कहें कि मरते नहीं देखे.....बकिया आप हुसियार हैं, समझ जाईये न।
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खबर :-पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों तक पहुंचे आत्मघाती हमलावर ..
नज़र :- अमा कह तो ऐसे रहे हो जैसे वो परमाणु ठिकाने ...पाकिस्तान में नहीं ..पाताल में थे....ई कौन मुश्किल काम था ...अरे उनके ऊ थे न परमाणु वैज्ञानिक ...ऊ तो एतना बढिया इंतजाम किये हैं....कि थोडे दिन के बाद पाकिस्तान में....लोग रेहडी, खोमचा में छोटा, मोटा, दुबला, पतला, आडा टेढा परमाणु बम लेकर बेच रहा होगा। और हमको तो पूरा यकीन है कि जिस तरह से चीन का नकली पटाखा सब इहां फ़ुस्फ़ुसा कर रह गया आउर सबका दीवाली एकदमे बंडल कर दिहिस ...आप देखियेगा...एक न एक दिन पाकिस्तान का इहे परमाणु बम मार्केट पकड लेगा भारत में। फ़िर काहे नहीं हो..यदि अपना पडोसी को ..बेचारा को ई से दू पैसा का फ़ायदा हो रह है तो ई मे हर्ज का है भाई ..
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खबर :- केरल के एक आईपीएस का लैपटौप कार्यक्रम के दौरान उडाया...
नज़र :- हम नहीं कह रहे थे कि साजिश बहुते बडी है जी...अभी थोडबे दिन पहिले न..अपने विनीत बाबू,,अरे गाहे बेगाहे वाले जी...उनका एकठो यंत्र लोग मार लिया था जी अईसने सम्मेलन में....अब देखिये एक ठो आईपीएस का भी । माने कि हम लोग कम नहीं हैं जी कम से कम चोर के नजर में, देखिये न ..आईपीएस के साथ हम बिलागर लोग के माल पर भी हाथ साफ़ कर रहा है लोग। मुदा सुनिये तो...ई का मतलब ....अरे राम राम ...कईसन कईसन लोग पहुंचा था जी ...बताईये तो गैंग वाला सब था । ऊहां से विनीत भाई का ऊ यंत्र मार के इहां दिल्ली में ...फ़िक्की औडिटोरियम तक पहुंच गया .....बताईये भला ...
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खबर :- ब्रिटेन में भी भारतीय छात्रों के साथ भेदभाव......
नज़र :- ए जी जो भी कहिये...ई कौनो बात नहीं हुआ आप लोग खाली ओईसे ही हल्ला मचाते हैं...कैसे माने जी ...देखिये आस्ट्रेलिया, जर्मनी , फ़्रांस के बाद अब ब्रिटेन में भी हम लोगन के बचवा सब के साथ..वही लत्तम जुत्तम..देख कर हमको तो एकदमे नहीं लगता कि कौनो भेदभाव हो रहा है...। सब जगह तो भारतीय लोग पिटिये रहा है जी ...एक दम एके टाईप में...फ़िर कैसे हुआ भेदभाव जी । सब झूठ है जी एकदम। हम तो कहते हैं ई से सिद्ध हो जाता है कि हम लोग किसी भी दूसरे देश में जाएं..कहीं भी केतनो काम कर लें...सबका आंख में खटकिये जाते हैं.....
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आज ई छोटका बुलेटिन से काम चलाईये....बकिया ताजा ताजा लेकर फ़िर मिलते हैं..