सोमवार, 27 दिसंबर 2010

इश्पेसल बुलेटिन है ..झा जी स्टाईल में






खबर :- संगीत से भरेंगे सर्जरी के घाव

नज़र :- अच्छा ई बात सुन कर हिमेस रेसमिया नाम के एक आदिकालीन राजगायक जिन्होंने त्रेता युग में नासिका संगीत का अविष्कार किया था उन्होंने खुशी खुशी बताया कि ..ये बहुत बडी महत्वपूर्ण खबर है ....क्योंकि अब उन्हें पूरा यकीन है कि ..अब वे उन लाखों लोगों के घाव को अपने संगीत से भर सकेंगे ...जिन्हें हिमेस के गाने सुन कर ही घाव हो गया था ॥ इसलिए आप बस ये ध्यान रखें कि घाव किसके गाने सुनकर हुआ है .,.,..ये हैं चिकित्साजगत का एक क्रांतिकारी आविष्कार ..जय हो साईंस ..की..अरे यार ये साईंस का जनक जानकी कौन थे कुछ पता है क्या आप लोगों को ...चलो तब तकले ..स्कूल की साईंस वाली ..मैडम की जय


9 टिप्‍पणियां:

  1. चलिए, अब चिकित्‍सकों पर बोझ कम होगा, जवाबदेही घटेगी. घाव ठीक नहीं भरा पता लगेगा कि कोई सुर गलत लग गया था, मरीज नहीं रहा तो पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट आएगी कि इलाज बेसुरा था.

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  2. बहुतै बढिया समाचार है झा जी
    एक संगीत चिकित्सा महाविद्यालय शुरु करते हैं।

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  3. हा हा हा हा अरे महाराज आप लोग बांकी की खबर पढने के लिए तो आए ही नहीं लीजीए यहां आईये


    http://ajaykumarjha.com/blog/

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  4. क्या झा जी??? कभी इंहा, कभी उन्हा दौडाते रहते हैं??? यहीं कहे नहीं लिख देते हैं??? ज्यादा भागेंगे तो थक नहीं जाएँगे क्या?

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  5. चलिए हो कर आते हैं... जाईगा नहीं.. अरे!! पढके आकर ही टिपियाएंगे ना! क्या कह रहे हैं, उन्हा ही टिपिया देना.... यह भी ठीक ही है... चलते हैं फिर.... राम-राम!

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  6. कई दिनों बाद आये जी, और केवल एक ही खबर लेकर

    प्रणाम

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  7. अरे अमित जी ,
    तनिक दरवाजे से अंदर तो आते महाराज ,

    मेरा नया ठिकाना

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  8. सच मे स्पेशल बुलेटिन है………………आपको पता चले तो हमे भी बता देना कौन है जनक जानकी ……………पता ही है इस मामले मे हम तो आलसी हैं।

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हमने तो खबर ले ली ..अब आपने जो नज़र डाली है..उसकी भी तो खबर किजीये हमें...