सोमवार, 21 मई 2012

ऊपर हेडलाइंस हैं .....नीचे बिछाई माइन्स हैं



अब तक इस ब्लॉग पर हम आपको पढाते रहे हैं कि जब एक आम आदमी की नज़र खबर पर पडती है और प्रतिक्रिया स्वरूप उसके मन में क्या उठता है । पिछले कुछ समय से मैं इस शैली में ही खबरों पर टिप्पणी कर रहा हूं ।मित्रों के मन को भा रही है तो सोचा अब आपको भी पढवाया जाए । इसमें ऊपर की पंक्तियां हेड लाइंस हैं और नीचे हमने बिछाई माइंस हैं














फ़ेसबुक के संस्थापक जुकेनबर्ग , शादी के बंधन में बंधे ,
अब तक दौडते घोडे थे , बियाह करके हो गए सर्टिफ़ाईड गधे ..
(कौनो शक है का जी)


आर्थिक मोर्चे पर संप्रग -2 , रही पूरी तरह विफ़ल ,
और घोटाले के मोर्चे पर , टोटल मंतरी सफ़ल ..
(जनता रही टहल )


रोज़ गिरता रुपया : आम और खास सब हो रहे परेशान ,
अबे हटो बे इहे होगा , जब देश को मिलेगा लल्लू सा परधान
(साला कौन इकोनोमिक्स पढा था का पता हो )


मुंबई के आरोपियों के खिलाफ़ कार्रवाई पर पाक से होगी बात ,
तुम साले बतियाते ही रहना , कसबवा नाचेगा धर के छाती पे लात
(अबे काहे का सुपर पावर हो बे , एक कसाब को तो लटका नय सके हो अब तकले )


मोटापा बढता जाता है , देर रात में खाने से ,
हम तो खिटपिट हैं , सिलिम टिरिम हैं , अबे कह दो ये जमाने से
(खाइए कम , खिटपिटाइए जादे समझे कि नय हो )


शेयर बाज़ार में माहौल , गिरावट का ही रहेगा फ़िलहाल ,
इकनोमिक्स वाले पिरधान जी का इहे न सबसे बडा कमाल ,
(साला देश का इकनोमिक्स ही हो गया बदहाल )

बोले जयराम रमेश :200 रुपए मासिक वृद्धा पेंशन है अपमान ,
दू सौ , अजी दू रुपया भी नहीं मिलेगा आगे , जो हालत है सीरीमान ।
(नरचोपहा है पिरधान , आ बकिया टोटल है शैतान )


सात लाख में एमबीबीएस कराने वाले गिरोह का हुआ है भंडाफ़ोड,
साला ई सब कौन कम है , झोला छाप डाक्टर से लगा हुआ है होड,
(पकड के दुन्नो का हड्डी दिया जाए तोड )


धरती का पर्यावरण बिगाडने में अमरीका सबसे आगे है ,
आ करेगा डिरामा इतना साल जईसे धरती का चिंता इसको सबसे जादे है ,
(ई साला सबका ही एसी , गैस हमेशा पादे है )


फ़रीदाबाद में बिजली पानी को लेकर लगा ,3 घंटे का जाम ,
ल्यो तो का रोड से निकलेगा झरना आ कि पावहाऊस , हे राम
(अबे सोलुसन रोडवे पे मिलता है सब ठो पिराबलेम का बे )


सेना में भर्ती के लिए , पटना में छात्रों ने आज मचाया उत्पात ,
अरिस्स , थोडा तो भर्ती के बाद के लिए भी बचा के रखते तात ,
(अबे का खा के गए थे दाल-भात )


धार्मिक आरक्षण के बहाने देश तोडने में जुटी है सरकार ,
और इसी सबके नाम पे जनता आज तक लुटी है मेरे यार ,
(साला ई सब वोट का ही बस हो रहा जुगाड )


आईपीएल में ,मुंबई ने दिखाया राजस्थान को बाहर का रस्ता ,
अबे मुंबई दिल्ली छोडो , होने वाली है आईपीएल की खुद की हालत खस्ता ,
(बेटा बांध लो बोरी बस्ता )


कीर्ति बोले हैं : आईपीएल की जवाबदेही तय करे सरकार ,
हां तो रोजिन्ना दु चार को पुलिस करिए रही है गिरफ़्तार ,
(कौनो गया छेडखानी में , आ कौनो दारू का रवानी में )

7 टिप्‍पणियां:

  1. सुबह अखबार पढ़ें या ये वाली खबरें......?

    अखबार से तो यही ठीक हैं.

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  2. आमंत्रित सादर करे, मित्रों चर्चा मंच |


    करे निवेदन आपसे, समय दीजिये रंच ||


    --


    बुधवारीय चर्चा मंच |

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    उत्तर
    1. पोस्ट को मान व चर्चा में स्थान के लिए शुक्रिया रविकर जी

      हटाएं
  3. वाकई ये तो माईन्स ही हैं.
    बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं

हमने तो खबर ले ली ..अब आपने जो नज़र डाली है..उसकी भी तो खबर किजीये हमें...