खबर :-अपमान से व्यथित हो रो पडी उडन परी..
नज़र :- गलत हुआ जी बिल्कुल गलत ....अरे अपमान नहीं जी...वो तो देर सवेर होना ही था...जितनी जल्दी हो गया उतना अच्छा......आगे के लिये टेंशन खत्म ....और फ़िर ये तो और भी अच्छा हुआ कि उनके जीते जी उनको ये सम्मान हासिल हो गया..अन्यथा ध्यानचंद जी जिनके जन्मदिवस पर सरकार खेल दिवस तक मनाती है ..उन्हें तो मरने के बाद ही ये हासिल हो पाया.....और अब प्रति वर्ष सिर्फ़ एक दिन उनके साथ ऐसा किया जाता है...गलत तो ये हुआ कि ..उडन परी रो पडी...बताईये भला इसमें रोने की क्या बात थी.....अब अगले साल हो रहा है राष्ट्र मंडल खेल हो रहे हैं न.....तब तक कुछ और उडन परियां, कुछ और खेल योद्धा तैयार करती जो देश के लिये पदक वदक जीतते ...और फ़िर थोडे सालों बाद ऐसे ही किसी जगह ....सम्मान करा रहे होते......वैसे सुना है कि इससे देश के खिलाडियों को बहुत प्रेरणा मिली है......।
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खबर :-बाढ राहत के लिये पैसों की कमी नहीं..नज़र : - लो तो हमने कब कहा कि हमारे यहां पैसों की कोई कमी है .....अब तो ये जग जाहिर हो गया है जी...जो देश सौ रुपये किलो दाल खरीद कर खा सकता है....चालीस रुपये किलो दाल..अजी छोडिये सारा राशन का नाम लें का...मतलब ये कि जो इतना साहस कर सकता है...ऊ भी इतना मंदी के दौर में...ऊ देश में पैसे की का कमी रहेगी का......सरकार के कहने का मतलब है कि पैसे तो खूब हैं जी राहत के लिये बांटने को...मुदा ई बाढ ही टाईम पर धडाधड नहीं आती है न...सारा पैसा वेस्ट होता रहता है....का कह रहे हैं ई मतलब नहीं था.....ओह तो ई बात है...दरअसल पैसा तो भरपूर है .मगर घोटालेबाज मंत्री अधिकारी लोग ..मतलब टैलेंटेड लोग मिल नहीं रहे हैं...अरे नहीं जो हैं न उनका सबका रिकार्ड तो पहले से ही मौजूद है...अब तो नये फ़ेस की तलाश
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खबर :- राजधानी में महिलायें असुरक्षित...
नज़र :- अबे इसमें खबर कौन सी है बे.....महिलायें असुरक्षित हैं ये....यार राजधनी में असुरक्षित हैं ये.....या फ़िर ये कि असुरक्षित हैं ये.....सब बकवास बात है जी...ई कहिये कि दे़श , समाज और परिवार तक में महिलायें असुरक्षित हैं............आज कोई भी ऐसी जगह नहीं है ...जहां के लिये ये कहा जा सके कि महिलायें सुरक्षित हैं...अब सुन लो तनिक राजधानी की...तो ई बात तो उसी दिन प्रमाणित हो गयी थी..जिस दिन देश की प्रथम महिला आई पी एस ..किरन बेदी को तमाम षडयंत्र रच कर दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनने से रोक दिया गया....और बिल्कुल नागवार गुजरने वाले तरीके से उन्हें नौकरी से अवकाश पर जाने को मजबूर कर दिया गया......खाक समाचार है ये..
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खबर :- हसीना को पासपोर्ट न देने की वकालत ......
नज़र :- अरे ई का हो गया है भई पासपोर्ट विभाग को ...जरूर ई सब महंगाई का असर है ..बेचारे लोगन को दाल खाने को नहीं मिलता होगा तो ईहे अनाप-शनाप निर्णय लेंगे न.....हसीना को पासपोर्ट नहीं देंगे ...तो देंगे किसको जी....और किसने इजाजत दी उनको ऐसी वकालत करने की....हम अभी जी से शिकायत करते हैं....का कह रहे हैं.....बात हो रही है अंडरवर्ल्ड डौन दाऊद इब्राहिम कासकर की बहन हसीना पारकर का....अरे बाप रे ...ई तो कातिल हसीना निकली जी...इनका तो पासपोर्ट नहीं...राशन कार्ड भी नहीं मिलना चाहिये....एकदम ठीक वकालत की है जिसने भी की है....अब हर कोई..कसाब मियां के वकील साहब की तरह का वकालत तो नहीं कर सकता न...
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खबर::- युक्ता मुखी चली सलमान,शाहरुख की राह ..
नज़र :- अरे यानि युक्ता भी अब बौडी शौडी बनायेंगे...सिक्स पैक....वाह कमाल का आईडिया है जी.....क्या कहा ..उनका ये मतलब नहीं था...दरअसल उनका कहना है कि वे भी टीवी शोज होस्ट करेंगी ...अरे धत तेरे की ..या क्या....तो ये कहिये न कि आप राखी सावंत से टक्कर लेना चाहती हैं...लिजीये तो क्या गलत कहा मैंने..टीवी पर भी तो वही होस्ट चमक रहे हैं न जो पहले से ही चमके हुए हैं..नहीं तो आप ही बताओ न.....अपने राहुल राय, और दीपक तिजोरी भी न करे रहे होते होस्ट...चलिये आप तो किसी भी राह चलिये जी...का फ़र्क पडता है।
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तो ठीक है न आज एतने समाचार है खास खास...
bahut mazedaar dhang mein pratikriya dee hai . ab to regular padhna padega
जवाब देंहटाएंबढ़िया है।
जवाब देंहटाएंसमाचार तो खास था इसमें कोई शक़ नही पर आपके प्रस्तुति का अंदाज और भी खास ..
जवाब देंहटाएंभाई इतना बढ़िया लगा की अब क्या बनाएँ..कुछ समाचार भी पढ़ लिया और मज़ा भी आया ..
धन्यवाद अजय जी..
एतना खिंचाई काहे करत हो बबुआ?...
जवाब देंहटाएंअजय भाई पहली बार नजर पडी आपके इस समाचार ब्लॉग पर मस्त है भाई
जवाब देंहटाएंइस अखबार को रोज पढ़ा करेंगे।
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंखास खास समाचार पढ़्कर खुस हो गये भई झा जी!!
जवाब देंहटाएंझा जी, पत्रकारिता में कभी भूल कर भी न आने का इरादा करिएगा..आपको पढ़ने के चक्कर में लाइन लगी रहेगी...और बेचारे दूसरे पत्रकार बेरोज़गार हो जाएंगे...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
वाह जी वाह !!
जवाब देंहटाएंहम भा आप के हुए मुरीद!!
बाढ़ राहत का समाचार अच्छा लगा!!
फुरसतिया जी ने सही कहा यह चिट्ठाकारी तो निन्यानवे का फेर है.......और हम पड़े 99 के चक्कर में