रविवार, 17 जून 2012

संडे सन्नाट , खबरें झन्नाट .........











हम बांचते हैं अखबार अब , और रखते हैं अपना व्यूज़ ,
अरे मारिए गोली टीभी को , सुनिए टटका न्यूज़
(ई पेपर टीभी बाला सब त असलका बात गोल न कर जाता है )


मुलायम-ममता का सियासी दांव , कई नामों को आगे बढाया ,
आयं , अबे राष्ट्रप्ति चुन रहे हो कि , पिज़्ज़ा बना रहे हो भाया ,
(एक से एक गुलाटी मार रहे रोजिन्ना)


ल्यो जी सुने हैं राज़धानी फ़िर से गर्मी के चपेटे में है ,
तुमको गर्मी का पडा है, अबे इहां देश , चोर डाकू के लपेटे में है
(धो डालो अबके करो ऐसी बरसात देवा )


नहीं मिलेगा कोटे में कोटा , सुप्रीम कोर्ट का आदेश पर रोक लगाने से इंकार
ले लोट्टा , ई तो जुलुम हो गिया बे , अब भोट बैंक कैसे बनाएगी सरकार
(ई त हो गया बंटाधार )


जल्दी ही मिल सकती है पेट्रोल में और दो रुपए की राहत ,
सुनो बे सौ रुपए का कर दो ,उसी पेट्रोल से तुम्हारी चिता फ़ूंकने की है चाहत
(कसम से बहुत मचाए हो आफ़त ,  साला इहे हो गया है आदत )


नोएडा प्राधिकरण में अब ,उजागर हुआ 945 करोड का एक नया घोटाला ,
किस किस को रोइए , किस किस को कोसिए , एक से एक चोर है स्साला
(इन लोग का एक ही ईलाज है , पाई पाई जब्त करके सडक पे छोड दिया जाए)


प्रणब: बीमा कंपनियां करें घाटा कम करने के उपाय ,
कईसे जी कईसे , हर कोई कह रहा हमही को राष्ट्रपति दो बनाय
(एक ठो तो कोनो मुखर्जी दादा भी हैं उडी बाबा )


खाद्य मंत्रालय कर रहा है , विदेशियों को सस्ता गेंहूं देने की  तैयारी ,
अबे भेजो हमको भी बिदेस जल्दी , इससे पहले कि पहली खेप हो जारी ,
(लेकिन एक ठो बात सुनो बे हमारी , दस किलो की बोरी फ़िर काहे हमको पडती है भारी ...माने ई कनसेसन रेट इंडिया में काहे नय चालू करते हो बे मंत्रालय )


राष्ट्रपति की दौड में आगे आया  पीएम का भी नाम ,
हां त एकदम सुटेबुल है , न यहां कोई न वहां पर कोई काम ,
(मुंह पे लगा के बैठे रहें लगाम , बकिया टोटल करिए लेंगे मदाम)


ममता कलाम और कांग्रेस प्रणब मुखर्जी के नाम पर अडी ,
नाच रही राजनीति सरेआम , पब्लिक देख रही खडी खडी ,
(हाय ये कैसी आ गई रे घडी , बौने पड गए सारे दस्तूर , कुर्सी हो गई बडी)


कांग्रेस : 2014 तक पीएम बने रहेंगे मनमोहन ,बदलने का सवाल ही नहीं ,
जनता : तुम आने तो दो 2014 भूस भर देंगे खींच कर , बचेगी खाल ही नहीं
(बात करते हैं ..........अबे न हो यकीन तो पूछ लो अवाम से एक बार )


कृष्णा : अब पाकिस्तान को भारत के साथ सहयोग करना  होगा ,
बाह बाह चाब्बास , आ कसबवा के बिरयानी का बिल कब तक भरना होगा
(ए सुनिए हो मंतरी जी , कोई आप लोक का मरता ई हमला में तब देखते कि केतना फ़ुराता है आप लोग को ई भाषणबाजी)


सरकार ने यूरिया के दामों को बढाने का फ़ैसला टाला ,
काहे बढाइए दो न ,राजकोष खाली हो रहा होगा , इत्ता कर रहे  घोटाला ,
(तुमको जिता डाला तो लाईफ़ झिंगालाला झिंगालाला ....धुर मार साला )


आम आदमी को नहीं मिलेगी राहत आसमान पर पहुंचे खाद्य पदार्थों के दाम
आसमान पर ?? उफ़्फ़ जुलुम हो गया , पायलट भी हडताल पर हैं हाय राम
(जब जमीन वाले दाम नहीं पकड में आते तो आसमान के क्या खाक पकड में आएंगे )


अटकले तेज़ हैं कि पीएम वित्त मंत्रालय को खुद ही सकते हैं संभाल ,
जय हो ,एकदम करेक्ट , वो भी अंदर कर लें , देश का जो बचा हुआ है माल
(जब हो जाएं कंगाल , फ़िर ठन ठन गोपाल)


राष्ट्रपति भवन में दादा के पहुंचने की सुनाई दे रही आहट ,
ल्यो जब लास्ट में इहे हुआ फ़ाइनल तो फ़िर काहे इत्ता नाटक ,
(ई दीदी आ दादा का ट्वेंटी ट्वेंटी भेरी भेरी कंफ़ूजिंग होलो रे बाबा)


कौन होगा नया वित्तमंत्री , आधा दर्जन नामों पर कयासबाजी का दौर ,
काहे नहीं ,राष्ट्रपति पर कम हुआ है छीछालेद्दर , थोडा गंद मचा लो और
(एकदम घिना के रख दो बे , इहे न असली लोकतंत्तर है जी )


दिल्ली में पार्किंग शुल्क सौ रुपए ,प्रति घंटे करने का प्रस्ताव ,
छोडो नैनो,सैंट्रो ,और महारुति , फ़ौरन जाकर खरीद लो बे नाव ,
(हा हा हा पेटरोल से बचे तो पार्किंग से गए , सरकार के हथकंडे नए नए)


मंत्रालय : दस गुना ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं दवाएं ,
दो जून की रोटी जिन्हें मयस्सर नहीं वो दस गुना की दवा कहां से खाएं ,
(फ़िर डाक्टर कहते हैं आमिर अईसा कार्यक्रम काहे बनाए , इत्ता सचमुच सचमुच डायरेक्टली दिखाए)


पानी का छाया संकट , दिल्ली-हरियाणा में बढ गई है तकरार ,
आओ अब कुंआं खोदें ,पानी के लिए नहीं , सब उसीमें कूद मरें अब यार,
(भाड में जाए दिल्ली और चूल्हे में हरियाणा , रोज़ रात को दो बजे हाय  पानी का मोटर पडे चलाना )


बिजली की मांग ने रिकॉर्ड तोडा , कटौती पर लोगों ने किया हाईवे को जाम,
बुलाओ पंडित, करो दाह संस्कार, अब लेकर हर मंतरी जी का नाम
(राम नाम सत्त है , कंडीसन बहुत पस्त है)


फ़ेसबुक , गूगल पस्त हैं , ट्विट्टर बाबा हैं तंग ,
शब्दों के शहतीरों , दिन रात हम लडे जा रहे जंग
(पब्लिक नंग धडंग , सियासत मस्त मलंग


महंगी हुई शराब , 100 करोड से अधिक कमाई करेगी अब सरकार ,
आदत बहुत खराब , ज़हर को महंगा कर कर के कब तक बेचोगे तुम यार
(पिलाते रहो पिलाते रहो , साकी , खून में ज़हर मिलाते रहो साकी)


जो हो गया हो फ़ाइनल नाम राष्ट्रपति का तो अब आगे काम बढाओ बे ,
महामहिम का अर्जेंटी नहीं है कोई , पहले शहर में बिजली-पानी लाओ बे
(दादा हो कि बाबा हो , साधु हो कि नागा हो , सोया हो कि जागा हो , का फ़र्क पडता है पब्लिक को)


मजदूर मर गया नींव के नीचे , किसान कर्ज़ के मारे करते रहे सुसाईड ,
दीदी का बात रखें या दादा का मान , सियासत ससुरी  करती रही डिसाईड.
(बाबा रे बाबा कि गोंडोगोलो होलो रे दादा , ई देस केतना रे अभागा)


दिल्ली एनसीआर में बिजली कटौती से लोगों में मचा गया हाहाकार ,
इहां मस्त होके , पच्चीस दिन से पति का नाम ही तय कर रही सरकार
(साला इससे फ़ास्ट रिजल्ट तो लल्लन मेट्रेमोनियल ..रिश्ते ही रिश्ते वाले दे देता ....चाहिए एक अदद पति ....राष्ट्रपति)

6 टिप्‍पणियां:

  1. 2 रूपये की अफ़वाह उड़ा के 92 पैसे में नि‍पटा दि‍या पेट्रोल

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    1. जी हमने भी देखा काजल भाई ससुरी गोरमिंट सबको क्लोरमिंट खिला रही है :)

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  2. ई समाचार पत्र तो ग़ज़ब की ख़बरें छापें हैं भाई .

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    बेहतरीन रचना

    केरा तबहिं न चेतिआ,
    जब ढिंग लागी बेर



    ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥

    ♥ संडे सन्नाट, खबरें झन्नाट♥


    ♥ शुभकामनाएं ♥
    ब्लॉ.ललित शर्मा
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  4. किसी को तो छोड़िए,रखिए गुडबुक में
    कैसे जिएंगे कहिए,वरना इस जुग में!

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